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ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में जिस फैक्टरी का शिलान्यास किया था, उसका उद्घाटन भी कर दिया है। यह उद्घाटन इस संकल्प के साथ किया गया है कि भारत को अपने रक्षा आयात को कम करना है और आत्मनिर्भर बनना है।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी से जानना चाहा कि एचएएल ने कर्नाटक में जो हेलीकॉप्टर फैक्ट्री लगाई है वह भारत के लिए आने वाले समय में कितनी उपयोगी सिद्ध होगी? हमने यह भी जानना चाहा कि पिछले लोकसभा चुनावों के समय कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने एचएएल को बर्बाद कर दिया लेकिन सरकार दावा कर रही है कि एचएएल नई बुलंदियों को छू रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आज, एचएएल की हेलीकॉप्टर फैक्टरी एक गवाही के रूप में खड़ी है, जिसने एचएएल के बारे में फैलाए गए झूठ और गलत सूचना का पर्दाफाश किया है। उन्होंने कहा कि एचएएल भारत की रणनीतिक संपत्ति है।
ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में जिस फैक्टरी का शिलान्यास किया था, उसका उद्घाटन भी कर दिया है। यह उद्घाटन इस संकल्प के साथ किया गया है कि भारत को अपने रक्षा आयात को कम करना है और आत्मनिर्भर बनना है। इसलिए अब, सैकड़ों रक्षा उपकरण भारत में तैयार किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले आठ से नौ वर्षों में एयरोस्पेस क्षेत्र में निवेश 2014 से पहले की 15 साल की अवधि में हुए निवेश के आंकड़े से पांच गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु मुख्यालय वाली एचएएल ने गुब्बी तालुक में इस फैक्टरी में 20 वर्षों की अवधि में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक के कुल कारोबार के साथ 3-15 टन रेंज के 1,000 से अधिक हेलीकॉप्टर का उत्पादन करने की योजना बनाई है। यह फैक्टरी 615 एकड़ में स्थित है। शुरुआत में इसमें लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) का उत्पादन होगा।
उन्होंने कहा कि पहले एचएएल उतना उपयोगी नहीं सिद्ध हो रहा था लेकिन मोदी सरकार ने जिस तरह से इसको देश के लिए उपयोगी बनाया वह दर्शाता है कि मजबूत इच्छाशक्ति हो और सही रणनीति हो तो कुछ भी किया जा सकता है।
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