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259 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। त्रिपुरा चुनाव के नतीजे 2 मार्च को आएंगे। चुनाव के दौरान अलग-अलग हिंसा की घटनाओं में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता और वामदल के दो पोलिंग एजेंट सहित कम से कम 3 व्यक्ति के घायल होने की भी खबर है।
त्रिपुरा में आज कड़ी सुरक्षा के बीच विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले गए। हालांकि, कई हिस्सों में मतदान के दौरान हिंसा के खबर भी आई। मतदान सुबह 7:00 बजे से शुरू हुआ शाम 4:00 बजे तक राज्य में 81% मतदान दर्ज किया गया। त्रिपुरा में विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं। इन 60 विधानसभा सीटों के लिए 259 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। 259 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। त्रिपुरा चुनाव के नतीजे 2 मार्च को आएंगे। चुनाव के दौरान अलग-अलग हिंसा की घटनाओं में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता और वामदल के दो पोलिंग एजेंट सहित कम से कम 3 व्यक्ति के घायल होने की भी खबर है।
त्रिपुरा में फिलहाल भाजपा की सरकार है। माणिक साहा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री हैं। इस बार मुख्य मुकाबला भाजपा और लेफ्ट गठबंधन के बीच है। दोनों ओर से जीत के दावे किए जा रहे हैं। त्रिपुरा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए 31000 मतदान कर्मी तैनात किए गए थे। साथ ही साथ 25000 सुरक्षाबलों की भी तैनाती हुई थी। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अगरतला में वोट डाला। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी को पिछली बार की तुलना में अधिक सीटें मिल सकती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार भी अगरतला में ही वोट डालने पहुंचे थे।
राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने विश्वास जताया कि भाजपा राज्य की 60 में से 40 सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा, ‘‘त्रिपुरा में बड़े पैमाने पर जनादेश देने की परंपरा रही है… भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने 2018 के चुनावों में 44 सीटें जीती हैं, वाम मोर्चा ने 2002 में 40 से अधिक सीटें जीती थीं।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर राज्य ने पिछले पांच वर्षों में सभी मोर्चों पर बड़े पैमाने पर विकास देखा है – शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, बुनियादी ढांचे तक। मुझे यकीन है कि लोग 40 से अधिक सीटों पर हमारे उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करके भाजपा को आशीर्वाद देंगे।’’
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